ज्योतिष & वास्तु शास्त्र

वास्तु एक प्राचीन भारतीय शास्त्र है जो बताता है कि घर, दफ़्तर या किसी भी निर्माण में दिशाओं और स्थान का सही संतुलन कैसे बनाया जाए। इसका उद्देश्य वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाना और जीवन में सुख-समृद्धि लाना होता है। यह भूमि, दिशाओं, ब्रह्मांडीय ऊर्जा और पाँच तत्वों—पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश—के संतुलन पर आधारित है।
इसी तरह, ज्योतिष भी एक प्राचीन विद्या है जिसमें ग्रहों, नक्षत्रों और खगोलीय पिंडों की स्थिति और गति का अध्ययन किया जाता है। किसी व्यक्ति के जन्म समय पर ग्रहों की स्थिति के आधार पर उसकी कुंडली बनाई जाती है, जो उसके स्वभाव, भविष्य, जीवन की संभावनाओं और चुनौतियों के बारे में जानकारी देती है। ज्योतिष सिर्फ भविष्यवाणी का साधन नहीं, बल्कि यह जीवन की दिशा समझने और मन की प्रवृत्तियों को जानने में भी मदद करता है।

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